हर मौक़े की हर रिश्ते की ढेर निशानी उस के पास प्रताप सोमवंशी

हर मौक़े की हर रिश्ते की ढेर निशानी उस के पास एल्बम के हर इक फोटो की एक कहानी उस के पास शहर वो साहूकार है जिस को कोस रहा है हर कोई ये सच भी सब को मालूम है दाना-पानी उस के पास

हर मौक़े की हर रिश्ते की ढेर निशानी उस के पास

हर मौक़े की हर रिश्ते की ढेर निशानी उस के पास
एल्बम के हर इक फोटो की एक कहानी उस के पास

शहर वो साहूकार है जिस को कोस रहा है हर कोई
ये सच भी सब को मालूम है दाना-पानी उस के पास

अम्माँ की बातों में आँखें सुख-दुख सपने सब तो हैं
राम-कहानी उस के पास कबिरा-बानी उस के पास

कई ख़ज़ाने क़िस्से वाले इक बच्चे के पास मिले
दादा दादी उस के पास नाना नानी उस के पास

सोच रहा हूँ गाँव में जा कर कुछ दिन अब आराम करूँ
वहीं कहीं पर रख आया हूँ नींद पुरानी उस के पास - प्रताप सोमवंशी


har mauke ki har rishte ki dher nishani uske paas

har mauke ki har rishte ki dher nishani uske paas
album ke har ek photo ki ek kahani us ke paas

shahr wo sahukar hai jis ko kos raha hai har koi
ye sach bhi sab ko malum hai dana-pani us ke paas

amman ki baaton mein aankhen sukh-dukh sapne sab to hain
ram-kahani us ke pas kabira-bani us ke paas

kai khazane qisse wale ek bachche ke pas mile
dada dadi us ke pas nana nani us ke paas

soch raha hun ganw mein ja kar kuchh din ab aaram karun
wahin kahin par rakh aaya hun nind purani us ke paas - Pratap Somvanshi

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