मेरी कार - सूरजपाल चौहान

मेरी कार

एक हाथ में थैला लेकर
चुन्नू निकल पड़ा बाजार,
शालू तो रोती ही रह गई,
चुन्नू लेकर आया कार।

पापा से वह हँसकर बोला-
देखो पापा मेरी कार।
दो आगे, दो पीछे पहिए,
हैं पूरे के पूरे चार।

ड्राइवर की अब नहीं जरूरत
चाबी से चलती यह कार,
पापा अगर तुम्हें चलना है,
झटपट हो जाओ तैयार।

मम्मी जी, तुम क्यों हँसती हो?
शालू रोती है बेकार,
आओ बैठो मेरे संग तुम,
चलें देखने कुतुब-मीनार।


meri car

ek hath me thaila lekar
chunnu nikal pada bazar
shalu to roti hi rah gai
chunnu lekar aaya car

papa se wah hanskar bola
dekho papa meri car
do aage, do pichhe pahiye
hai pure ke pure chaar

driver ki ab nahin jarurat
chabi se chalti yah car
papa agar tumhe chalna hai,
jhatpat ho jao taiyar

mummy ji, tum kyo hansti ho?
shalu roti hai bekar,
aao baitho mere sang tum
chale dekhne tkutub meenar
Surajpal Chouhan
मेरी कार - सूरजपाल चौहान

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