देल छे आए - श्रीधर पाठक

बाबा आज देल छे आए, चिज्जी पिज्जी कुछ ना लाए। बाबा क्यों नहीं चिज्जी लाए, इतनी देली छे क्यों आए।

देल छे आए

बाबा आज देल छे आए,
चिज्जी पिज्जी कुछ ना लाए।
बाबा क्यों नहीं चिज्जी लाए,
इतनी देली छे क्यों आए।

कां है मेला बला खिलौना,
कलाकंद, लड्डू का दोना।
चूं चूं गाने वाली चिलिया,
चीं चीं करने वाली गुलिया।

चावल खाने वाली चुहिया,
चुनिया-मुनिया, मुन्ना भइया।
मेला मुन्ना, मेली गैया,
कां मेले मुन्ना की मैया।

बाबा तुम औ कां से आए,
आं आं चिज्जी क्यों ना लाए।
- श्रीधर पाठक


Del chhe aae

baba aaj del chhe aae
chijji pijji kuchh n lae
baba kyo nahin chijji lae
itni deli chhe kyo aae

kaan hai mela bala khilauna
kalakand, laddu ka dona
chun chun gane wali chiliya
chin chin karne wali guliya

chawal khane wali chuhiya
chuniya-muniya, munna bhaiya
mela munna, meli gaiyaa
kaan mele munna ki maiya

baba tum aun kaan se aae
aan aan chijji n aae
- Shridhar Pathak

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