मिले हमको ख़ुशी तो हम बड़े नाशाद होते हैं - संजय ग्रोवर

मिले हमको ख़ुशी तो हम बड़े नाशाद होते हैं

मिले हमको ख़ुशी तो हम बड़े नाशाद होते हैं
कि शायर अपनी बरबादी से ही आबाद होते हैं

ये सच्चाई का पारस इस तरह चीज़ें बदलता है
तुम्हारे संग मेरी ज़द में आकर दाद होते हैं

दिखे जो मस्लहत तो पल में सब कुछ भूल जाते हैं
वो जिनको ज़िंदगी के सब पहाड़े याद होते हैं

किसी दिन तुम ख़ुदी को, ख़ुदसे पीछे छोड़ जाते हो
वो सब जो तुमसे आगे थे, तुम्हारे बाद होते हैं

वो गिन-गिनकर मेरी नाक़ामियों को याद करते हैं
मुझे उनके तरक्क़ी के तरीक़े याद होते हैं - संजय ग्रोवर


mile hamko khushi to ham bade nashad hote hai

mile hamko khushi to ham bade nashad hote hai
ki shayar apni barbadise hi aabad hote hai

ye sachchai ka paras is tarah cheeje badlata hai
tumhare sang meri jad me aakar daad hote hai

dikhe jo maslhat to pal me sab kuchh bhul jate hai
wo jinko zindgi ke sab pahade yaad hote hai

kisi din tum khudi ko, khud se pichhe chhod jate ho
wo sab jo tumse aage the, tumhare baad hote hai

wo gin-ginkar meri nakamiyon ko yaad karte hai
mujhe unke taraqqi ke tareeke yaad hote hai - Sanjay Grover

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