बिल्ली रस्ता भूल गई है - डॉ.जियाउर रहमान जाफरी

बिल्ली रस्ता भूल गई है

बिल्ली रस्ता भूल गई है
मत समझो स्कूल गई है

कहा था मां ने बिल्ली रानी
ज़रा न करना तुम मनमानी

काम है कुछ मैं कर आती हूं
बस जंगल से घर आती हूं

अभी तो तुम हो बिल्कुल छोटी
उम्र भी कच्ची अक़्ल भी मोटी

घर से मत तुम आना बाहर
इस जंगल में रहते अजगर

नहीं ये अच्छे सब हैं चालू
हाथी, गीदड, चीता, भालू

जंगल भी ये बड़ा घना है
तुम्हें निकलना यहां मना है

पर जैसे ही मम्मी निकली
वैसे बाहर आ गई बिल्ली

दूर तलक वो चलकर आई
जंगल खूब उछल कर आई

शाम हुई तो घर था जाना
पर रस्ता था वो अंजाना

नहीं मिला घर लगी वो रोने
कहां जाएगी अब वो सोने

याद उसे मम्मी की आई
अपनी करनी पर पछताई
- डॉ.जियाउर रहमान जाफरी


billi rasta bhul gai hai

billi rasta bhul gai hai
mat samjho school gai hai

kaha tha maa ne billi rani
jara n karna tum manmani

kaam hai kuchh main kar aati hun
bas jangal se ghar aati hun

abhi to tum ho bilkul chhoti
umr bhi kachhi akl bhi moti

ghar se mat tum aana bahar
is jangal me rahte ajgar

nahin ye achhe sab hai chalu
hathi , gidad, chita bhalu

jangal bhi ye bada ghana hai
tumhe niklana yahan mana hai

par jaise hu mummy nikli
waise bahar aa gai billi

door talak wo chalkar aai
jangal khub uchhal kar aai

sham hui to ghar tha jana
par rasta tha wo anjana

nahin mila ghar lagi wo rone
kahan jaegi ab wo sone

yaad use mummy ki aai
apni karni par pachhtaai
- Dr. Zia Urd Rahman Jafri

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