शेर ने इक ऐलान कराया - डॉ जियाउर रहमान जाफरी

शेर ने इक ऐलान कराया

शेर ने इक ऐलान कराया
हाथी भालू चीता आया

कहा शेर चिल्लाकर एकदम
बदला अब जंगल का सिस्टम

या तो तुम जंगल से जाओ
या अपना प्रमाण दिखाओ

कहा भालू प्रमाण बहुत है
क़ीमती सबकी जान बहुत है

यहीं हमारी पैदाइश है
बुरी तुम्हारी ये ख्वाहिश है

मुल्क ने जो आज़ादी पाई
हमने भी तो जान गँवाई

मेरा दर दीवार भी देखो
वोटर और आधार भी देखो

की है हमने यहीं पढ़ाई
जानते तुम हो सब सच्चाई

बोला सुन ये शेर गरज कर
बिना ज़रा सा सोचे पल भर

ये सब मुझसे दूर हटाओ
तुम वो दस्तावेज दिखाओ

लाओ ऐसे काग़ज़ सारे
परदादा थे यहीं तुम्हारे

सुनकर बैठा वहीं कबूतर
कहा डाल से ऊपर उड़कर

करे सियासत जो ये भद्दी
छिन जाती है उसकी गद्दी
- डॉ जियाउर रहमान जाफरी


sher ne ek elaan karaya

sher ne ek elaan karaya
hathi bhalu cheeta aaya

kaha sher chillakar ekdam
badla ab jungle ka system

ya to tum jungle se jao
ya apna praman dikhao

kaha bhalu praman bahut hai
keemati sabki jaan bahut hai

yahi tumhari paidaish hai
buri tumhari ye khwahish hai

mulk ne jo aazadi paai
hamne bhi to jaan gawai

mera dar deewar bhi dekho
voter aur aadhar bhi dekho

ki hai hamne yahi padhai
jante tum ho sab sachchai

bola sun ye sher garaj kar
bina zara sa soche pal bhar

ye sab mujhse door hatao
tum wo dartavej dikhao

laao aise kagaz saare
pardada the yahi tumhare

sunkar baitha wahi kabutar
kaha daal se upar udhakar

kare siyasat jo ye bhaddi
chhin jati hai uski gaddi
-Dr. Zia Ur Rehman Zafri
परिचय
डॉ. जिया उर रहमान जाफरी साहब ने हिन्दी से पी एचडी और एम॰ एड किया है | आप मुख्यतः ग़ज़ल विधा में लिखते है | आप हिन्दी उर्दू और मैथिली की राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित लेखन करते आ रहे है | आपको बिहार आपदा विभाग और बिहार राजभाषा विभाग से पुरुस्कृत किया जा चूका है |
आपकी मुख्य प्रकाशित कृतियों में खुले दरीचे की खुशबू (हिन्दी ग़ज़ल), खुशबू छू कर आई है (हिन्दी ग़ज़ल) , चाँद हमारी मुट्ठी में है (बाल कविता), परवीन शाकिर की शायरी (आलोचना), लड़की तब हँसती है (सम्पादन) शामिल है |
फ़िलहाल आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य कर रहे है |

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