शेर ने इक ऐलान कराया
शेर ने इक ऐलान करायाहाथी भालू चीता आया
कहा शेर चिल्लाकर एकदम
बदला अब जंगल का सिस्टम
या तो तुम जंगल से जाओ
या अपना प्रमाण दिखाओ
कहा भालू प्रमाण बहुत है
क़ीमती सबकी जान बहुत है
यहीं हमारी पैदाइश है
बुरी तुम्हारी ये ख्वाहिश है
मुल्क ने जो आज़ादी पाई
हमने भी तो जान गँवाई
मेरा दर दीवार भी देखो
वोटर और आधार भी देखो
की है हमने यहीं पढ़ाई
जानते तुम हो सब सच्चाई
बोला सुन ये शेर गरज कर
बिना ज़रा सा सोचे पल भर
ये सब मुझसे दूर हटाओ
तुम वो दस्तावेज दिखाओ
लाओ ऐसे काग़ज़ सारे
परदादा थे यहीं तुम्हारे
सुनकर बैठा वहीं कबूतर
कहा डाल से ऊपर उड़कर
करे सियासत जो ये भद्दी
छिन जाती है उसकी गद्दी
- डॉ जियाउर रहमान जाफरी
sher ne ek elaan karaya
sher ne ek elaan karayahathi bhalu cheeta aaya
kaha sher chillakar ekdam
badla ab jungle ka system
ya to tum jungle se jao
ya apna praman dikhao
kaha bhalu praman bahut hai
keemati sabki jaan bahut hai
yahi tumhari paidaish hai
buri tumhari ye khwahish hai
mulk ne jo aazadi paai
hamne bhi to jaan gawai
mera dar deewar bhi dekho
voter aur aadhar bhi dekho
ki hai hamne yahi padhai
jante tum ho sab sachchai
bola sun ye sher garaj kar
bina zara sa soche pal bhar
ye sab mujhse door hatao
tum wo dartavej dikhao
laao aise kagaz saare
pardada the yahi tumhare
sunkar baitha wahi kabutar
kaha daal se upar udhakar
kare siyasat jo ye bhaddi
chhin jati hai uski gaddi
-Dr. Zia Ur Rehman Zafri
परिचयडॉ. जिया उर रहमान जाफरी साहब ने हिन्दी से पी एचडी और एम॰ एड किया है | आप मुख्यतः ग़ज़ल विधा में लिखते है | आप हिन्दी उर्दू और मैथिली की राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित लेखन करते आ रहे है | आपको बिहार आपदा विभाग और बिहार राजभाषा विभाग से पुरुस्कृत किया जा चूका है |फ़िलहाल आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य कर रहे है |
आपकी मुख्य प्रकाशित कृतियों में खुले दरीचे की खुशबू (हिन्दी ग़ज़ल), खुशबू छू कर आई है (हिन्दी ग़ज़ल) , चाँद हमारी मुट्ठी में है (बाल कविता), परवीन शाकिर की शायरी (आलोचना), लड़की तब हँसती है (सम्पादन) शामिल है |