दादी नानी की ये कहानी
दादी नानी की ये कहानीछोड़ो मम्मी हुई पुरानी
बोलो चाँद चमकता क्यों है
जुगनू आख़िर जलता क्यों है
तारे कैसे टिक पाते हैं
क्यों न गगन से गिर जाते हैं
डाकिया माना ख़त पहुंचाता
फेक्स है कैसे पर आ जाता
कैसे बिजली रोशनी देती
होती कैसे चाय की खेती
ये सब माँ तुम मुझे बताओ
वरना ऐसे हमें सुलाओ
- जिया उर रहमान ज़ाफरी
dadi nani ki ye kahani
dadi nani ki ye kahanichhodo mummy hui purani
bolo chaand chamakata kyo hai
jugnu aakhir jalta kyo hai
taare kaise tik paate hai
kyo n gagan se gir jate hai
dakiya mana khat pahuchata
fax hai kaise par aa jata
kaise bijli roshni deti
hoti kaise chai ki khaiti
ye sab maaN tum mujhe batao
warna aise hame sunao
- Zia Ur Rahman Zafri
परिचय
डॉ. जिया उर रहमान जाफरी साहब ने हिन्दी से पी एचडी और एम॰ एड किया है | आप मुख्यतः ग़ज़ल विधा में लिखते है | आप हिन्दी उर्दू और मैथिली की राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में नियमित लेखन करते आ रहे है | आपको बिहार आपदा विभाग और बिहार राजभाषा विभाग से पुरुस्कृत किया जा चूका है |फ़िलहाल आप बिहार सरकार में अध्यापन कार्य कर रहे है |
आपकी मुख्य प्रकाशित कृतियों में खुले दरीचे की खुशबू (हिन्दी ग़ज़ल), खुशबू छू कर आई है (हिन्दी ग़ज़ल) , चाँद हमारी मुट्ठी में है (बाल कविता), परवीन शाकिर की शायरी (आलोचना), लड़की तब हँसती है (सम्पादन) शामिल है |