बेसबब रूठ के जाने के लिए आए थे - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी

बेसबब रूठ के जाने के लिए आए थे

बेसबब रूठ के जाने के लिए आए थे
आप तो हमको मनाने के लिए आए थे

ये जो कुछ लोग खमीदा हैं कमानोँ की तरह
आसमानोँ को झुकाने के लिए आए थे

हम को मालूम था दरिया में नहीं है पानी
सर को नेज़े पे चढ़ाने के लिए आए थे

इखतिलाफ़ों को अक़ीदे का नया नाम न दो
तुम ये दीवार गिराने के लिए आए थे

है कोई सिम्त कि बरसाए न हम पर पत्थर
हम यहाँ फूल खिलाने के लिए आए थे

हाथ की बर्फ़ न पिघले तो मुज़फ़्फ़र क्या हो
वो मेरी आग चुराने के लिए आए थे - मुज़फ़्फ़र हनफ़ी



Besabab rooth ke jaane ke liye aaye the

Besabab rooth ke jaane ke liye aaye the
aap to hamko manane ke liye aaye the

ye jo kuch log khamida hai kamano ki tarah
aasano ko jhukane ke liye aaye the

ham ko maloom tha dariya me nahi hai paani
sar ko naize pe chadhane ke liye aaye the

ikhtilafo ko akido ka naya naam n do
tum ye deewar girane ke liye aaye the

hai koi simt ki barsaye n ham par patthar
ham yaha phool khilane ke liye aaaye the

haath ki barf n pighle to muzffar kya ho
wo meri aag churane ke liye aaye the - Muzaffar Hanfi

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