उसको हैरत में डालना है मुझे
उसको हैरत में डालना है मुझे,और दिल से निकालना है मुझे
एहतियातो से उसको छूना है,
अपना दिल भी संभालना है मुझे
तेरे और मेरे नाम का दीपक,
आसमां में उछालना है मुझे
दश्त प्यासा है मेरे दिल का बहुत,
यानि दरिया निकालना है मुझे
शाम होते ही से जो आती,
ऐसी यादो को टालना है मुझे
दिल का क़ायम रहे अँधेरा भी,
और जुगनू भी पलना है मुझे - अर्पित शर्मा अर्पित
परिचय
अर्पित शर्मा जी अर्पित उपनाम से रचनाये लिखते है आपके पिता का नाम कृष्णकांत शर्मा है | आपका जन्म मध्यप्रदेश के उज्जैन शहर में 28 अप्रैल, 1992 को हुआ | फिलहाल आप शाजापुर में रहते है | आपसे इस मेल sharmaarpit28@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है |
aapko hairat me dalna hai mujhe
aapko hairat me dalna hai mujheaur dil se nikalana hai mujhe
ehityato se usko chhuna hai
apna dil bhi sambhalana hai mujhe
tere aur mere naam ka deepak
aasmaan me uchhalana hai mujhe
dasht pyasa hai mere dil ka bahut
yani dariya nikalana hai mujhe
shaam hote hi se jo aati
aisi yaado ko talna hai mujhe
dil ka kaayam rahe andhera bhi
aur jugnu bhi palna hai mujhe - Arpit Sharma Arpit