अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं - विरेन्द्र खरे अकेला

Virendra Khare Akela

अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं

अदावत दिल में रखते हैं मगर यारी दिखाते हैं
न जाने लोग भी क्या क्या अदाकारी दिखाते हैं

यक़ीनन उनका जी भरने लगा है मेज़बानी से
वो कुछ दिन से हमें जाती हुई लारी दिखाते हैं

उलझना है हमें बंजर ज़मीनों की हक़ीक़त से
उन्हें क्या, वो तो बस काग़ज़ पे फुलवारी दिखाते हैं

मदद करने से पहले तुम हक़ीक़त भी परख लेना
यहाँ पर आदतन कुछ लोग लाचारी दिखाते हैं

डराना चाहते हैं वो हमें भी धमकियाँ देकर
बड़े नादान हैं पानी को चिन्गारी दिखाते हैं

दरख़्तों की हिफ़ाज़त करने वालो डर नहीं जाना
दिखाने दो, अगर कुछ सरफिरे आरी दिखाते हैं

हिमाक़त क़ाबिले-तारीफ़ है उनकी अकेला जी
हमीं से काम है हमको ही रंगदारी दिखाते हैं - विरेन्द्र खरे अकेला


adawat dil me rakhte hai magar yaari dikhate hai

adawat dil me rakhte hai magar yaari dikhate hai
n jane log bhi kya kya adakari dikhate hai

yakinan unka ji bharne laga hai mezbani se
wo kuch din se hame jati hui lari dikhate hai

uljhana hai hame banzar zameeno ki haqiqat se
unhe kya, wo to bas kaagaz p fulwari dikhate hai

madad karne se pahle tum haqiqat bhi parakh lena
yaha par aadtan kuch log lachari dikhate hai

darana chahte hai wo hame bhi dhamkiya dekar
bade nadan hai pani ko chingari dikhate hai

darkhto ki hifazat karne walo dar nahi jana
dikhane do, agar kuch sarfire aari dikhate hai

himakat qabile-tarif hai unki Akela ji
hami se kaam hai hamko hi rangdari dikhate hai - Virendra Khare Akela

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