दिल में रहने की फिर उम्मीद लगायी जाए - हिलाल बदायुनी

दिल में रहने की फिर उम्मीद लगायी जाए

दिल में रहने की फिर उम्मीद लगायी जाए
पहले दिल दिल में कोई राह बनायीं जाए

जिसमे सच्चाई की लज्ज़त हो वफ़ा की खुशबु
मुंह से बस ऐसी क़सम वक़्त पे खायी जाए

दूरियों से तो कोई बात न बन पायेगी
आओ मिल जुल के कोई बात बनायीं जाए

राह वो जो के भलाई की तरफ जाती हो
सारी दुनिया को वो ही राह दिखाई जाए

आज की बीवियां ये सोचती रहती है सदा
माँ के हाथो में न शौहर की कमाई जाए

शर्म से चेहरा छुपा लेगा घटा में सूरज
चेहरा ऐ हुस्न से चिलमन तो हटाई जाए

मत सुनाओ मेरी रूदादे मुहब्बत सबको
जिससे रुसवाई हो वो बात छुपाई जाए

इश्क का दरिया हमे पार जो करना है हिलाल
कश्तिये इश्क सलीके से चलायी जाए - हिलाल बदायुनी


Dil me rahne ki phir ummid lagai jaye

Dil me rahne ki phir ummid lagai jaye
pahle dil dil me koi raah banai jaye

jisme sachchai ki lajjat ho wafa ki khushboo
muh se bas aisi kasam waqt pe khai jaye

duriyo se to koi baat n ban payegi
aao mil jul ke koi baat banai jaye

raah wo jo ke bhalai ki taraf jaati ho
saari duniya ko wo hi raah dikhai jaye

aaj ki biviya ye sochti rahti hai sada
maa ke hatho me n shouhar ki kamai jaye

sharm se chehra chupa lega ghata me suraj
chehra e husn se chilman to hatai jaye

mat sunao meri rudade muhbbat sabko
jisse ruswai ho wo baat chupai jaye

ishq ka dariya hame paar jo karna hai hilal
kashtiye ishq salike se chalai jaye -Hilal Badayuni

आपसे hilal.saifi@gmail.com पर संपर्क किया जा सकता है और आपके ब्लॉग hilalbadayuni.blogspot.com पर Visit करे |

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