तमन्नाओं की पामाली रहेगी - असलम इलाहाबादी

तमन्नाओं की पामाली रहेगी

तमन्नाओं की पामाली रहेगी
जलेंगे अश्क दिवाली रहेगी

कमी कोई नहीं है दोस्तों की
मगर तेरी जगह खाली रहेगी

हजारों चाँद चमके भी तो क्या है
गमों की रात है काली रहेगी

कहाँ तक एक सा मौसम रहेगा
कहाँ तक रुत गजल वाली रहेगी

तमन्नाओं का अपनी खूँ हुआ है
फिजा में देर तक लाली रहेगी

बिठाए लाख यह दुनिया जमीं पर
तबियत आँसमां वाली रहेगी

निकलता था जहाँ से चाँद "असलम"
वह खिड़की अब सदा खाली रहेगी - डा.असलम इलाहाबादी


tamnnao ki pamali rahegi

tamnnao ki pamali rahegi
jalenge ashq diwali rahegi

kami koi nahi hai dosto ki
magar teri jagah khali rahegi

hajaro chand chamke bhi to kya hai
gamo ki raat hai kali rahegi

kaha tak ek sa mousam rahega
kha tak rut ghazal wali rahegi

tamnnao ka apni khun hua hai
fiza me der tak lali rahegi

bithae lakh yah duniya zameen par
tabiyat aasmaan wali rahegi

niklata tha jaha se chand aslam
wah khidki ab sada khali rahegi - Dr. Aslam Ilahabdi

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