गुस्सा बेगाना-वार होना था - मोमिन ख़ाँ मोमिन
गुस्सा बेगाना-वार होना थाबस यही तुझसे यार होना था
क्यों न होते अज़ीज़ गैर तुम्हे
मेरी किस्मत में ख़्वार होना था
मुझे जन्नत में वह सनम न मिला
हश्र और एक बार होना था
खाक होता न मै तो क्या करता
उसके दर का गुबार होना था
हरजारगर्दी से हम ज़लील हुए
चर्ख का एतबार होना था
सब्र कर सब्र, हो चूका जो कुछ
ऐ दिले-बेकरार होना था
रात-दिन बादा-ओ-सनम 'मोमिन'
कुछ तो परहेज़गार होना था -मोमिन ख़ाँ मोमिन
gussa begana-war hona tha
gussa begana-war hona thabas yahi tujhse yaar hona tha
kyo n hote aziz gair tumhe
meri kismat me khwar hona tha
mujhe jannat me wah sanam n mila
hashr aur ek baar hona tha
khak hota n mai to kya karta
uske dar ka gubar hona tha
harzaargardi se ham jalil hue
charkh ka aetbaar hona tha
sabr kar sabr, ho chuka jo kuch
ae dile-bekrar hona tha
raat-din bada-o-sanam 'Momin'
kuch to parhejgaar hona tha - Momin Khaan Momin