आवाज़ दे रही है ये किसकी नज़र मुझे - क़मर जलालाबादी

आवाज़ दे रही है ये किसकी नज़र मुझे

आवाज़ दे रही है ये किसकी नज़र मुझे
शायद मिले किनारा वही डूबकर मुझे

चाहा तुझे तो खुद से मोहब्बत सी हो गई
खोने के बाद मिल गई अपनी खबर मुझे

हर कदम पे साथ हूँ साया हूँ मै तेरा
ऐ बेवफा दिखा तो ज़रा भूल कर मुझे

दुनिया को भूलकर तेरी दुनिया में आ गया
ले जा रहा है कौन इधर से उधर मुझे

दुनिया का हर नज़ारा निगाहों से छीन ले
कुछ देखना नहीं है तुझे देखकर मुझे - क़मर जलालाबादी


Aawaaz de rahi hai ye kiski nazar Mujhe

Aawaaz de rahi hai ye kiski nazar Mujhe
Shayad mile kinara wahi doobkar Mujhe

Chaha Tujhe to khud se Mohabbat si ho gayi
Khone ke baad mil gayi apni khabar Mujhe

Har kadam pe saath hu saya hoon mai tera
Ae bewafa dikha to zara bhool kar Mujhe

Duniya ko bhoolkar teri duniya me aa gaya
Le jaa raha hai koun idhar se udhar Mujhe

Duniya ka har nazara nigahon se chheen le
Kuch dekhna nahi hai tujhe dekhkar Mujhe - Qamar Jalalbadi

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