सदाए देनी थी जिसको, उसे सदाए न दी
सदाए देनी थी जिसको, उसे सदाए न दीमेरे नसीब ने फिर कम मुझे सजाए न दी
मिली है विरसे में मुझको कलंदराना रविश
मुझे कभी किसी दरवेश ने दुआए न दी
वो जहर देता तो सबकी नजर में आ जाता
तो यूँ किया कि मुझे वक़्त पर दवाए न दी
मै सोचता हूँ कि ऐसा हुआ तो कैसे हुआ
किया सलाम तो माँ ने मुझे दुआए न दी
उडी थी बात मगर दब-दबा गई नज्मी
शरीफ लोग थे, अफवाह को हवाए न दी- अख़्तर नज़्मी
मायने
सदाए = आवाजे, विरसा = विरासत, कलंदराना रविश = फकीराना तबियत, दरवेश = फकीर
sadae deni thi jiske, use sadae n di
sadae deni thi jiske, use sadae n dimere naseeb ne phir kam mujhe sajae n di
mili hai virase me mujhko kalandarana ravish
mujhe kabhi kisi darvesh ne duaae n di
wo zahar deta to sabki nazar me aa jata
to yun kiya ki mujhe waqt par dawae n di
mai sochta hun ki aisa hua to kaise hua
kiya salam to maa ne mujhe duaae n di
udi thi baat magar dab-daba gai nazmi
shareef log the, afwaah ko hawae n di - Akhtar Nazmi