नील गगन में तैर रहा है, उजला-उजला पूरा चाँद - निदा फ़ाज़ली

नील गगन में तैर रहा है, उजला उजला पूरा चाँद किन आँखों से देखा जाए, चंचल चेहरे जैसा चाँद

नील गगन में तैर रहा है, उजला उजला पूरा चाँद

नील गगन में तैर रहा है, उजला उजला पूरा चाँद
किन आँखों से देखा जाए, चंचल चेहरे जैसा चाँद

मुन्नी की भोली बातों सी चटकीं तारों की कलियाँ
पप्पू की ख़ामोशी शरारत सा छुप छुप कर उभरा चाँद

मुझ से पूछो कैसे काटी मैं ने पर्बत जैसी रात
तुम ने तो गोदी में ले कर घंटों चूमा होगा चाँद

परदेसी सूनी आँखों में, शोले से लहराते हैं
भाभी की छेड़ों सा बादल, आपा की चुटकी सा चाँद

तुम भी लिखना, तुम ने उस शब कितनी बार पिया पानी
तुम ने भी तो छज्जे ऊपर देखा होगा पूरा चाँद - निदा फ़ाज़ली


neel gagan me tair rha hai, ujla ujla chaand

neel gagan me tair rha hai, ujla ujla chaand
kin aankho se dekha jaye, chanchal chehre jaisa chand

munni ki bholi baato-si chatki taaro ki kaliya
pappu ki khamoshi shararat-sa chup-chup kar ubhara chand

mujh se puchho kaise kaati maine parbat jaisi raat
tum ne to godi me le kar ghanto chuma hoga chaand

pardesi suni aankho me, shole se lahrate hai
bhabhi ki chhedo sa baadal, aapa ki chutki sa chaand

tum bhi likhna, tumne us shab kitni baar piya paani
tumne bhi to chhajje upar dekha hoga pura chaand - Nida Fazli

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