सबके दिल में है जगह तेरी जो तू राजी हुआ - मिर्ज़ा ग़ालिब

सबके दिल में है जगह तेरी जो तू राजी हुआ

सबके दिल में है जगह तेरी जो तू राजी हुआ
मुझ पे गोया एक जमाना मेहरबा हो जाएगा

बाग़ में मुझको न ले जा वर्ना मेरे हाल पर
हर गुले-तर एक चश्मे-खुफ़िशा हो जाएगा

वाए गर मेरा तेरा इंसाफ महशर में न हो
अब तलक तो ये तवक्को है कि वा हो जाएगा

फायदा क्या सोच आखिर तू भी दाना है 'असद'
दोस्ती नादां कि है जी का ज़िया हो जाएगा - मिर्ज़ा ग़ालिब
मायने
गुले-तर = हर फुल, चश्मे-खुफ़िशा = खून रोने वाली आँख, महशर = प्रलय का समय, तवक्को = आशा, दाना = बुद्धिमान, ज़िया = हानि


sabke dil me hai jagah teri jo tu raji hua

sabke dil me hai jagah teri jo tu raji hua
mujh pe goya ek jamana mehraba ho jayega

baagh me mujhko n le jaa warna mere haal par
har gul-e-tar el chashm-e-khufisha ho jayega

waye gar mera tera insaaf mahshar me n ho
ab talak to ye tawqqo hai ki wa ho jayega

fayada kya soch aakhir tu bhi dana hai 'Asad'
dosti naadaan ki hai ji ka zia ho jayega - Mirza Ghalib

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