संकट-ग्रस्त को उबार देगा - नरेन्द्र सोनकर कुमार सोनकरन

संकट-ग्रस्त को उबार देगा अन्यायियों को सुधार देगा पड़ी जरूरत अगर देश को हर एक हाथ में कुठार देगा गिरा के नफरत की दीवारें सारी चमन-ए-वतन को निखार देगा माँ भारती के रक्षार्थ सोनकरन

संकट-ग्रस्त को उबार देगा

संकट-ग्रस्त को उबार देगा
अन्यायियों को सुधार देगा

पड़ी जरूरत अगर देश को
हर एक हाथ में कुठार देगा

स्वर बुलंद कर इंकलाब का
ललकार देगा ; पुकार देगा

ऑंख दिखाने वालों का तो
धड़ से गरदन उतार देगा

राष्ट्र- विरोधी हरेक ताकतों को
उन्ही के भाषा में दुत्कार देगा

समझा शोषकों को उनकी भाषा
दलित-शोषितों को उभार देगा

गिरा के नफरत की दीवारें सारी
चमन-ए-वतन को निखार देगा

माँ भारती के रक्षार्थ सोनकरन
लहू का एक एक बूंद निसार देगा
- नरेन्द्र सोनकर कुमार सोनकरन


sankat-grast ko ubaar dega

sankat-grast ko ubaar dega
anyaiyon ko sudhar dega

padi jarurat agar desh ko
har ek haath mein kuthar dega

swar buland kar inklab ka
lalkar dega, pukar dega

aankh dikhane walo ka to
dhad se gardan utaar dega

rashtr-virodhi harek takto ko
unhi ke bhasha me dutkar dega

samjha-doshito ko unki bhasha
dalit-shoshito ko ubhar dega

gira ke nafrat ki deeware saari
chaman-e-watan ko nikhar dega

maa bharati ke raksharth sonkaran
lahu ka ek ek boond nisar dega
- Narendra Sonkar Kumar Sonkaran

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