ख़त्म हर अच्छा बुरा हो जाएगा - अनवर शऊर

ख़त्म हर अच्छा बुरा हो जाएगा

ख़त्म हर अच्छा बुरा हो जाएगा
एक दिन सब कुछ फ़ना हो जाएगा

क्या पता था देखना उस की तरफ़
हादसा इतना बड़ा हो जाएगा

मुद्दतों से बंद दरवाज़ा कोई
दस्तकें देने से वा हो जाएगा

है अभी तक उस के आने का यक़ीन
जैसे कोई मो'जिज़ा हो जाएगा

मुस्कुरा कर देख लेते हो मुझे
इस तरह क्या हक़ अदा हो जाएगा

काश हो जाओ मिरे हम-राह तुम
वर्ना कोई दूसरा हो जाएगा

कल का वा'दा और इस बोहरान में?
जाने कल दुनिया में क्या हो जाएगा

रंग लाएगा शहीदों का लहू
ज़ुल्म जब हद से सिवा हो जाएगा

आप का कुछ भी न जाएगा 'शुऊर'
हम ग़रीबों का भला हो जाएगा - अनवर शऊर


khatm har achchha bura ho jayega

khatm har achchha bura ho jayega
ek din sab kuchh fana ho jayega

kya pata tha dekhna us ki taraf
hadsa itna bada ho jayega

muddaton se band darwaza koi
dastaken dene se wa ho jayega

hai abhi tak us ke aane ka yaqin
jaise koi moajiza ho jayega

muskura kar dekh lete ho mujhe
is tarah kya haq ada ho jayega

kash ho jao mere ham-rah tum
warna koi dusra ho jayega

kal ka wada aur is bohran mein?
jaane kal duniya mein kya ho jayega

rang layega shahidon ka lahu
zulm jab had se siwa ho jayega

aap ka kuchh bhi na jayega 'shuur'
hum gharibon ka bhala ho jayega - Anwar Shuoor

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post