दिल पे मुश्किल है बहुत दिल की कहानी लिखना - कुंवर बेचैन

दिल पे मुश्किल है बहुत दिल की कहानी लिखना

दिल पे मुश्किल है बहुत दिल की कहानी लिखना
जैसे बहते हुए पानी पे हो पानी लिखना

कोई उलझन ही रही होगी जो वो भूल गया
मेरे हिस्से में कोई शाम सुहानी लिखना

आते जाते हुए मौसम से अलग रह के ज़रा
अब के ख़त में तो कोई बात पुरानी लिखना

कुछ भी लिखने का हुनर तुझ को अगर मिल जाए
इश्क़ को अश्कों के दरिया की रवानी लिखना

इस इशारे को वो समझा तो मगर मुद्दत बाद
अपने हर ख़त में उसे रात-की-रानी लिखना - कुंवर बेचैन


dil pe mushkil hai bahut dil ki kahani likhna

dil pe mushkil hai bahut dil ki kahani likhna
jaise bahte hue pani pe ho pani likhna

koi uljhan hi rahi hogi jo wo bhul gaya
mere hisse me koi sham suhani likhan

aate jate hue mausam se alag rah ke zara
ab ke khat me to koi baat purani likhna

kuch bhi likhne ka hunar tujh ko agar mil jaye
ishq ko ashqo ke dariya ki rawani likha

is ishare ko wo samjha to magar muddat baad
apne har khat me use raat-ki-rani likha - Kunwar Bechain

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