दोस्तो पर्व है होली का चलो हो कुछ यूँ - आतिश इंदौरी

दोस्तो पर्व है होली का चलो हो कुछ यूँ

दोस्तो पर्व है होली का चलो हो कुछ यूँ
कोई दुश्मन ना रहे रंग लगाओ कुछ यूँ

रूठ जाए कोई अपना तो मना लो कुछ यूँ
कुछ नहीं तेरे बिना प्यार जता दो कुछ यूँ

कुछ शजर भी हों परिंदे भी हों और इंसाँ भी
मेरी चाहत हैं नए शह्र बसाओ कुछ यूँ

नाम दुश्मन भी ले तो ले बड़ी इज़्ज़त के साथ
मेरी कोशिश है की पहचान हो तो हो कुछ यूँ

हीर राँझा की तरह काश अमर हों हम भी
आरज़ू है की मेरा साथ निभाओ कुछ यूँ - आतिश इंदौरी


dosto parv hai holi ka chalo ho kuch yun

dosto parv hai holi ka chalo ho kuch yun
koi dushman na rahe rang lagao kuch yun

ruth jaye koi apna to mana lo kuch yun
kuch nahi tere bina pyar jata do kuch yun

kuch shazar bhi ho parinde bhi ho aur insa bhi
meri chahat hai naye shahar basao kuch yun

naam dushman bhi le to le badi ijjat ke sath
meri koshish hai ki pahchan ho to kuch yun

heer ranjha ki tarah kaash amar ho ham bhi
aarjoo hai ki mera sath nibhao kuch yun - Aatish Indori

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post