तूफ़ां तो इस शहर में अक्सर आता है
यह उन दो ग़ज़लों में से एक ग़ज़ल है जिसे महाराष्ट्र बोर्ड के 11 वी की हिंदी पुस्तक युवक भारती में ली गयी है |तूफ़ां तो इस शहर में अक्सर आता है
देखे अब के किस का नम्बर आता है
यारो के भी दांत बहुत ज़हरीले है
हमको भी सापों का मंतर आता है
बच कर रहना एक कातल इस बस्ती में
कागज़ की पोशाक पहन कर आता है
सुख चूका हूँ फिर भी मेरे साहिल पर
पानी पीने रोज़ समंदर आता है - डॉ. राहत इंदौरी
Tufaan to is shahar me aqsar aata hai
TufaaN to is shahar me aqsar aata haidekhe ab ke kis ka number aata hai
yaro ke bhi daant bahut zahreele hai
hamko bhi saapoN ka mantar aata hai
bach kar rahna ek qatil is basti me
kaagaz ki poshak pahan kar aata hai
sukh chuka hun phir bhi mere sahil par
paani peene roz samndar aata hai - Rahat Indori