मेरा वजूद भी क्या है तुम्हे बताऊंगा
मेरा वजूद भी क्या है तुम्हे बताऊंगाजिस्म की कैद से जिस दिन भी निकल जाऊंगा
मुझे नज़र की हदों में समेटने वालो
ये कितनी तंग हदे है तुम्हे बताऊंगा
मैंने धुए की लकीरों का भरम देख लिया
अब के आया तो हवा बन के करीब आऊंगा
ऐसी साँसे जो सवालो से बंधी रहती है
उन्हें हयात का मकसद नहीं बनाऊंगा
जिस्म की मौत जो होती है अभी हो जाये
मै तेरा अक्स हूँ अदना नहीं कहलाऊंगा - अज़ीज़ आज़ाद
mera wajood bhi kya hia tumhe bataunga
mera wajood bhi kya hia tumhe bataungajism ki kaid se jis din bhi nikal jaunga
mujhe nazar ki hado me sametane walo
ye kitni tang hade hai tumhe bataunga
maine dhue ki lakeero ka bharam dekh liya
ab ke aaya to hawa ban ke kareeb aaunga
aisi saanse jo sawalo se bandhi rahti hai
unhe hayaat ka maksad nahi banaunga
jism ki mout jo hoti hai abhi ho jaye
mai ter aks hun adna nahi kahlaunga - Azeez Azad
अज़ीज़ आज़ाद की काफी सुंदर कविता हैं