उनका दावा मुफलिसी का मोर्चा सर हो गया - अदम गोंडवी

उनका दावा मुफलिसी का मोर्चा सर हो गया

उनका दावा मुफलिसी का मोर्चा सर हो गया
पर हकीकत ये है मौसम और बदतर हो गया

बंद कल को क्या किया मुखिया के खेतों में बेगार
अगले दिन ही एक होरी और बेघर हो गया

जब हुई नीलाम कोठे पर किसी की आबरू
फिर अहल्या का सरापा जिस्म पत्थर हो गया

रंग रोगन से पुता पहलू में लेकिन दिल नहीं
आज का इंसान भी कागज़ का पैकर हो गया

माफ करीए सच कहू तो आज हिन्दुस्तान में
कोख ही जरखेज है अहसास बंजर हो गया - अदम गोंडवी
मायने
ज़रखेज़ = उपजाऊ, पैकर = बदन


unka dawa muflisi ka morcha sar ho gaya

unka dawa muflisi ka morcha sar ho gaya
par hakikat ye hai mousam aur adtar ho gaya

band kal ko kya kiya mukhiya ke kheto me begaar
agle din hi ek hori aur beghar ho gaya

jab hui neelaam kothe par kisi ki aabroo
fir ahlya ka saraapa jism patthar ho gaya

rang rogan se puta pahloo me lekin dil nahi
aaj ka insaan bhi kaagaj ka paikar ho gaya

maaf kariye sach kahu to aaj Hindustaan me
kokha hi zarkhez hai ahsaas banjar ho gaya - Adam Gondvi
unka dawa muflisi ka morcha sar ho gaya, उनका दावा मुफलिसी का मोर्चा सर हो गया

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