कभी ख़्वाबों में मिला वो तो ख्यालो में कभी
कभी ख़्वाबों में मिला वो तो ख्यालो में कभीराह चलते ना मिला दिन के उजाले में कभी
जिंदगी हमसे तो इस दर्जा तगाफुल ना बरत
हम भी शामिल थे तेरे चाहनेवालो में कभी
जिनका हम आज तलक पा ना सके कोई जवाब
खुद को ढूंढा किये उन तल्ख़ सवालो में कभी
थोड़ी रुसवाई तुम्हारी भी तो होगी यारो
छप गए शेर हमारे जो रिसालों में कभी - सलमान अख्तर
मायने
तगाफुल = उपेक्षा, तल्ख़ = कटु/कड़वे, रिसालों = छोटी पुस्तकों में
kabhi khawabo me mila wo to khayalo me kabhi
kabhi khawabo me mila wo to khayalo me kabhiraah chalte n mila din ke ujale me kabhi
zindgi hamse to is darja tagaful n barat
ham bhi shamil the tere chahnewalo me kabhi
jinka ham aaj talak pa n sake koi jawab
khud ko dhundha kiye un talkh sawalo me kabhi
thodi ruswai tumhari bhi to hogi yaaro
chap gaye sher hamare jo risalo me kabhi - Salman Akhtar