कोफ़्त से जान लब पे आई है
कोफ़्त से जान लब पे आई हैहमने क्या चोट दिल पे खाई है
दीदनी है शिकस्तगी दिल की
क्या ईमारत ग़मों ने ढाई है
दिल से नजदीक और इतना दूर
किस से उसको कुछ आशनाई है
जिस मर्ज में की जान जाती है
दिलबरो ही की वह जुदाई है
मर्गे मजनू से अक्ल गुल है मीर
क्या दीवाने ने मौत पाई है - मीर तक़ी मीर
मायने
दीदनी = देखने काबिल, शिकस्तगी = टूटना, आशनाई = जान-पहचान, मर्ग = मौत
koft se jaan lab pe aai hai
koft se jaan lab pe aai haihamne kya chot dil pe khai hai
didni hai shikstgi dil ki
kya imarat ghamo ne dhai hai
dil se najdeek aur itna door
kis se usko kuch aashnai hai
jis marz me ki jaan jati hai
dilbaro hi ki wah judai hai
marge majnoo se akal gul hai meer
kya deewan ne mout paai hai - Meer Taqi Meer