धुन ये है आम तेरी रहगुज़र होने तक - कृष्ण बिहारी नूर

अब मोहब्बत की जगह दिल में ग़मे-दौरां है आइना टूट गया तेरी नज़र होने तक

धुन ये है आम तेरी रहगुज़र होने तक

धुन ये है आम तेरी रहगुज़र होने तक
हम गुज़र जाएँ ज़माने को ख़बर होने तक

मुझको अपना जो बनाया है तो एक और करम
बेख़बर कर दे ज़माने को ख़बर होने तक

अब मोहब्बत की जगह दिल में ग़मे-दौरां है
आइना टूट गया तेरी नज़र होने तक

ज़िन्दगी रात है मैं रात का अफ़साना हूँ
आप से दूर ही रहना है सहर होने तक

ज़िन्दगी के मिले आसार तो कुछ ज़िन्दा में
सर ही टकराईये दीवार में दर होने तक - कृष्ण बिहारी नूर
मायने
रहगुज़र = रास्ता, गमे-दौरा = दुनिया के दुख, ज़िंदा = बंदीगृह/जेलखाना


dhun ye hai aam teri rahguzar hone tak

dhun ye hai aam teri rahguzar hone tak
ham gujar jaye zamane ko khabar hone tak

mujhko apna jo banaya hai to ek aur karam
bekhabar kar de zamane ko khabar hone tak

ab mohbbat ki jagah dil me gham-e-doura hai
aaina tut gaya teri nazar hone tak

zindagi raat hai mai raat ka afsana hun
aap se door hi rahna hai sahar hone tak

zindagi ke mile aasar to kuch zinda mai
sar hi takraaiye deewar me dar hone tak - Krishn Bihari Noor

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