जहानतो को कहा कब्र से फरार मिला
जहानतो को कहा कब्र से फरार मिलाजिसे निगाह मिली उसे इंतजार मिला
वो कोई राह का पत्त्थर हो या हसी मंजर
जहा से रास्ता ठहरा वही मंजर मिला
कोई पुकार रहा था खुली फजाओ से
नजर उठाई तो चारो तरफ हिसार मिला
हर एक सांस न जाने थी जुस्तजू किसकी
हर एक दायर मुसाफिर को बेदयार मिला
ये शहर है कि नुमाइश लगी हुई है कोई
जो आदमी भी मिला बनके इश्तहार मिला - निदा फ़ाज़ली
मायने
जहानत = विवेक, कब्र = व्याकुलता, हिसार = घेरा, दयार = घर/स्थान , नुमाइश = प्रदशर्नी/दिखावा
jahanato ko kaha kabr se fara mila
jahanato ko kaha kabr se fara milajise nigah mili use intjar mila
wo koi raah ka patthar ho ya hansi ka manzar
jaha se rasta thahra wahi manzar mila
koi pukar raha tha khuli fajao se
najar uthai to charo taraf hisar mila
har ek sans n jaane thi justju kiski
har ek dayar musafir ko bedyar mila
ye shahar hai ki numaish lagi hui hai koi
jo aadmi bhi mila banke ishthaar mila - Nida Fazli