जिनको संसार में संभलना है - आचार्य फजलुर रहमान हाशमी

जिनको संसार में संभलना है

जिनको संसार में संभलना है
साथ मेरे ही उनको चलना है

वैसे सूरज को कौन रोकेगा
जिसकी किस्मत में रोज ढलना है

उसके किस्मत अजीब किस्मत है
अपने साये से जिसको डरना है

हमको मंजिल मिले,मिले ना मिले
हुक्म बढ़ने का है तो बढ़ना है

उन चिरागों की जिंदगी क्या है
सोये लोगों के पास जलना है - आचार्य फजलुर रहमान हाशमी


jinko sansaar mein sambhalna hai

jinko sansaar mein sambhalna hai
saath meri hi unko chalna hai

waise suraj ko kaun rokega
jiski kismat me roj dhalna hai

uske kismat ajeeb kismat hai
apne saaye se jisko darna hai

hamko manzil mi, mile na mile
hukm badhne ka hai to badhna hai

un chiragho ki zindagi kya hai
soye logo ke paas jalna hai - Acharya Fazlur Rahmar Hasmi

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