अपना गम मुझको सबसे प्यारा है - आचार्य फजलुर रहमान हाशमी

अपना गम मुझको सबसे प्यारा है

अपना गम मुझको सबसे प्यारा है
जिसने सौ बार मुझको मारा है

जानवर भी रहा है चारा पर
आदमी आज का बेचारा है

उसका मुंह रह गया खुला का खुला
उसने शायद मुझे पुकारा है

उसमें हममें है फर्क बस इतना
एक वादा है एक नारा है

आज तुम चाहो जो करो लेकिन
हाशमी कल फकत हमारा है - आचार्य फजलुर रहमान हाशमी


apna gham mujhko sabse pyara hai

apna gham mujhko sabse pyara hai
jisne sau baar muhko mara hai

janwar bhi raha hai chara par
aadmi aaj ka bechara hai

uska munh rah gaya khula ka khula
usne shayad mujhe pukara hai

usmein hamme hai fark bas itna
ek wada hai ek nara hai

aaj tum chaho jo karo lekin
hashmi kal fakat hamara hai - Acharya Fazlur Rahmar Hasmi

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