भूल शायद बहुत बड़ी कर ली - बशीर बद्र

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली तुम मुहब्बत को खेल कहते हो हम ने बर्बाद ज़िन्दगी कर ली

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली

भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
दिल ने दुनिया से दोस्ती कर ली

तुम मुहब्बत को खेल कहते हो
हम ने बर्बाद ज़िन्दगी कर ली

उस ने देखा बड़ी इनायत से
आँखों-आँखों में बात भी कर ली

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है
बेवफ़ाई कभी कभी कर ली

हम नहीं जानते चराग़ों ने
क्यों अंधेरों से दोस्ती कर ली

धड़कनें दफ़्न हो गई होंगी
दिल में दीवार क्यों खड़ी कर ली - बशीर बद्र


bhool shayad bahut badi kar li

bhool shayad bahut badi kar li
dil ne duniya se dosti kar li

tum muhbbat ko khel kahte ho
ham ne barbad zindagi kar li

us ne dekha badi inayat se
aankho-aankho me baat bhi kar li

aashiqui me bahut zaruri hai
bewafai kabhi kabhi kar li

ham nahin jante charagho ne
kya andhero se dosti kar li

dhadkane dafn ho gai hogi
dil me deewar kyon khadi kar li Bashir Badr

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