मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ जीने की तमन्ना कौन करे - मुईन अहसन जज़्बी

मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ जीने की तमन्ना कौन करे

मरने की दुआएँ क्यूँ मांगूँ जीने की तमन्ना कौन करे
ये दुनिया हो या वो दुनिया अब ख़्वाहिश-ए-दुनिया कौन करे

जब कश्ती साबित-ओ-सालिम थी साहिल की तमन्ना किस को थी
अब ऐसी शिकस्ता कश्ती पर साहिल की तमन्ना कौन करे

जो आग लगाई थी तुम ने उस को तो बुझाया अश्कों ने
जो अश्कों ने भड़काई है उस आग को ठंडा कौन करे

दुनिया ने हमें छोड़ा 'जज़्बी' हम छोड़ न दें क्यूँ दुनिया को
दुनिया को समझ कर बैठे हैं अब दुनिया दुनिया कौन करे - मुईन अहसन जज़्बी


marne ki duaen kyun mangun jine ki tamanna kaun kare

marne ki duaen kyun mangun jine ki tamanna kaun kare
ye duniya ho ya wo duniya ab khwahish-e-duniya kaun kare

jab kashti sabit-o-salim thi sahil ki tamanna kis ko thi
ab aisi shikasta kashti par sahil ki tamanna kaun kare

jo aag lagai thi tum ne us ko to bujhaya ashkon ne
jo ashkon ne bhadkai hai us aag ko thanda kaun kare

duniya ne hamein chhoda 'jazbi' hum chhod na den kyun duniya ko
duniya ko samajh kar baithe hain ab duniya duniya kaun kare - Moin Ahsan Jazbi

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