हसीं है वो तो होने दो नज़र में मेरे नइं - निज़ाम फतेहपुरी

हसीं है वो तो होने दो नज़र में मेरे नइं

वज़्न- 1222 1222 1222 12

हसीं है वो तो होने दो नज़र में मेरे नइं।
किसी से झूठ कह दूँ ये हुनर में मेरे नइं।।

कहीं अपना चलाओ जाके जादू हुस्न का।
जरूरत औरों को है तेरी घर में मेरे नइं।।

ये जीवन एक धोखा है फ़ना होंगे सभी।
मुसाफिर सब कोई रहबर सफ़र में मेरे नइं।।

कहूँगा सच हमेशा लड़ता हूँ सच के लिए।
ख़ुदा का डर है डर दुनिया का डर में मेरे नइं।।

अगर कुछ सीखना है तुमको मुझसे ऐ निज़ाम।
अदब से पास बैठो मेरे सर में मेरे नइं।। -निज़ाम फतेहपुरी


haseen hai to hone do nazar me mere nain

haseen hai to hone do nazar me mere nain
kisi se jhooth kah dun ye hunar me mere nain

kahi apna chalao jake jadu husn ka
jarurat auro ko hai teri ghar me mere nain

ye jeevan ek dhokha hai fana honge sabhi
musafir sab koi rahbar safar me mere nain

kahunga sach hamesha ladta hun sach ke lie
khuda ka dar hai dar, duniya ka dar me mere nai

agar kuch seekhna hai tumko mujhse ae nizam
adab se paas baitho mere sar me mere nain - Nizam Fatehpuri

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post