कितने चेहरे बदल रही दुनिया - शाद सिद्दीक़ी

कितने चेहरे बदल रही दुनिया

कितने चेहरे बदल रही दुनिया
ख़ूब शातिर है मतलबी दुनिया

तुम को धोखा नहीं मिला मतलब
तुम को धोके में रख रही दुनिया

एक आशिक़ उदास है फिर से
या'नी फिर जीत ही गई दुनिया

तू जिसे अपनी दुनिया कहता है
वो बसा लेगी इक नई दुनिया

सारी दुनिया में तू ही मेरा है
तेरे होने से है मिरी दुनिया - शाद सिद्दीक़ी


kitne chehre badal rahi duniya

kitne chehre badal rahi duniya
khub shatir hai matlabi duniya

tum ko dhoka nahin mila matlab
tum ko dhoke mein rakh rahi duniya

ek aashiq udas hai phir se
yani phir jit hi gai duniya

tu jise apni duniya kahta hai
wo basa legi ek nai duniya

sari duniya mein tu hi mera hai
tere hone se hai meri duniya - Shad Siddiqi

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