आज इस का मुझे इज़हार तो कर लेने दो - ग़ज़ल जाफ़री

आज इस का मुझे इज़हार तो कर लेने दो

आज इस का मुझे इज़हार तो कर लेने दो
प्यार है तुम से मुझे प्यार तो कर लेने दो

तुम नहीं हो तो अधूरी है अभी मेरी हयात
आज इस बात का इक़रार तो कर लेने दो

उस को शायद कभी अपना भी ख़याल आता हो
इस बहाने हमें सिंघार तो कर लेने दो

उम्र भर मैं ने तराशे हैं जो पत्थर के सनम
उन से तुम प्यार का इज़हार तो कर लेने दो

अपनी हस्ती को लुटाया है 'ग़ज़ल' जिस के लिए
आज उस शख़्स का दीदार तो कर लेने दो - ग़ज़ल जाफ़री


aaj is ka mujhe izhaar to kar lene do

aaj is ka mujhe izhaar to kar lene do
pyar hai tum se mujhe pyar to kar lene do

tum nahin ho to adhuri hai abhi meri hayat
aaj is baat ka iqrar to kar lene do

us ko shayad kabhi apna bhi khayal aata ho
is bahane hamein singhaar to kar lene do

umr bhar main ne tarashe hain jo patthar ke sanam
un se tum pyar ka izhaar to kar lene do

apni hasti ko lutaya hai 'ghazal' jis ke liye
aaj us shakhs ka didar to kar lene do - Ghazal Jafri

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