उम्मीदों के पंछी के पर निकलेंगे
उम्मीदों के पंछी के पर निकलेंगे।मेरे बच्चे मुझसे बेहतर निकलेंगे॥
लक्ष्मण रेखा भी आखिर क्या कर लेगी।
सारे रावण घर के अंदर निकलेगें॥
दिल तो इस्टेशन के रस्ते चला गया।
पांव हमारे थोड़ा सोकर निकलेंगे॥
अच्छी-अच्छी बातें तो सब करते हैं।
इनमें से ही बद से बदतर निकलेंगे॥
बाजारों के दस्तूरों से वाकिफ हैं।
सारे आंसू अंदर ढककर निकलेंगे॥
दिल वाले तो आहट पर चल देते हैं।
अक्ल के बंदे सोच-समझकर निकलेंगे॥ - प्रताप सोमवंशी
ummidon ke panchhi ke par niklenge
ummidon ke panchhi ke par niklengemere bachche mujhse behtar niklenge
lakshman rekha bhi aakhir kya kar legi
sare rawan ghar ke andar niklenge
dil station ke raste chala gya
paanv hamare thoda sokar niklenge
achchhi-achchhi baaten to sab sakte hai
inme se hi bad se badtar niklenge
bazaro ke dasturo se waqif hain
sare aansu andar dhakkar niklenge
dil wale to aahat par chal dete hai
akl ke bande soch-samajhkar niklenge - Pratap Somvanshi