मुझको आप अपना आप दीजियेगा
मुझको आप अपना आप दीजियेगा,और कुछ भी न मुझ से लीजियेगा !
आप बेमिस्ल, बेमिसाल हूँ मैं,
मुझ सिवा आप किस पे रीझियेगा !
आप जो हैं अज़ल से ही बेनाम,
नाम मेरा कभी तो लीजियेगा !
आप बस मुझ में ही तो हैं, सो आप,
मेरा बेहद ख्याल कीजियेगा !
है अगर वाकई शराब हराम,
आप होठों से मेरे पीजियेगा !
इन्तेज़ारी हूँ अपना मैं दिन-रात,
अब मुझे आप भेज दीजियेगा !
आप मुझ को बहुत पसंद आये,
आप मेरी क़मीज़ सीजीयेगा !
दिल के रिश्ते हैं खून, झूठ की सच,
ये मुअम्मा कभी न बूझियेगा !
है मेरे जिस्म-ओ-जान का माज़ी क्या,
मुझ से बस ये कभी न पूछियेगा !
मुझ से मेरी कमाई का सर-ए-शाम,
पाई-पाई हिसाब लीजियेगा !
ज़िन्दगी क्या है, एक हुनर करना,
सो क़रीने से ज़हर पी-जियेगा !
मैं जो हूँ, "जॉन एलिया" हूँ जनाब,
इसका बेहद लिहाज़ कीजियेगा !! - जॉन एलिया
मायने
बेमिस्ल = लाजवाब/अनुपम, अज़ल = सृष्टि के रचना समय से / अनादी काल से, मुअम्मा = पहेली/रहस्य, जिस्म-ओ जान = शरीर और आत्मा, माज़ी = अतीत, सर-ए-शाम = शाम के समय, क़रीने = ठीक से/शिष्टता से, लिहाज़ = आदर/सम्मान
mujhko aap apna aap dijiyega
mujhko aap apna aap dijiyega,aur kuch bhi na mujhse lijiyega
aap bemisl, bemisaal hoon main,
mujh siwaa aap kis pe rijhiyega
aap jo hain azal se hi benaam,
naam mera kabhi to lijiyega
aap bas mujh mein hi to hain, so aap,
mera behad khayaal kijiyega
hai agar waaqai, sharaab haraam,
aap hothon se mere pijiyega
Intezaari hoon apna main, din raat,
ab mujhe aap bhej dijiyega
aap mujhko bahut pasand aaye,
aap meri kameez sijiyega
dil ke rishte hain khoon jhooth ke sach,
ye muamma, kabhi na boojhiyega
hai mere jism-o-jaan ka maazi kya ?
mujhse bas ye kabhi na poochiyega
mujhse meri kaami ka sar-e-shaam,
paai-paai hisaab lijiyega
zindagi kya hai, ik hunar, karna,
so qareene se zaher pijiyega
main jo hun, "Jaun Eliya" hun janab,
iska behad lihaz kijiyega - Jaun Elia