बात तेरी हुस्न की नही तुझसे प्यार किया है मैंने - सरफ़राज़ बेतीयावी

बात तेरी हुस्न की नही तुझसे प्यार किया है मैंने

बात तेरी हुस्न की नही तुझसे प्यार किया है मैंने।।
वरना तेरे जैसे लाखों को इनकार किया है मैंने।।

मरने लगे है अब तो लोग तेरी बनावटी खूबसूरती पे।
उन्हें मालुम नही तुझ जैसे को तैयार किया है मैंने।।

इख़्तिताम नही है अब तेरा जलवा-ए-हुस्न का जाना
अब सब्र भी किया करो जैसे समझदार किया है मैंने।।

लिखने को जज़्बात व अल्फ़ाज़ में लिख दूँ मैं तुझे
लिखने की हैसियत नही मेरी तुझसे प्यार किया है मैंने।।

खुद तुम्हे गुरुर होने लगा तेरी इस बनावटी ख़बसूरती पे
तुम्हे मालूम नही की तेरे जैसे लाखो को इनकार किया है मैंने।

इस दुनियाँ मे तो तुझसे भी हसीन मिल जाएंगे हमसफर
दुनियाँ वालो से क्या, मतलब तो तुझसे है प्यार किया है मैंने।। - सरफ़राज़ बेतीयावी


baat teri husn ki nahi tujhse pyar kiya hai maine

baat teri husn ki nahi tujhse pyar kiya hai maine
warna tere jaise lakho ko inkaar kiya hai maine

marne lage hai ab to lod teri banawati khubsurati pe
unhe maloom nahi tujh jaise ko taiyar kiya hai maine

ikhtitam nahi hai ab tera jalwa-e-husn ka jana
ab sabr bhi kiya karo jaise samjhdaar kiya hai maine

likhne ko zajbaat w alfaaz me likh du mai tujhe
likhne ki haisiyat nahi meri tujhse pyar kiya hai maine

khud tumhe gurur hone laga teri is banawati khubsurati pe
tumh maloom nahi ki tere jaise lakho ko inkaar kiya hai maine

is duniyan me to tujhse bhi haseen mil jayenge hamsafar
duniyan walo se kya, matlab to tujhse hai, pyar kiya hai maine - Sarfaraz Betiyavi

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