लंबी लंबी पलकों वाले, तुझ पर कैसा नाम सजेगा - मीना कुमारी नाज़

लंबी लंबी पलकों वाले, तुझ पर कैसा नाम सजेगा

लंबी लंबी पलकों वाले, तुझ पर कैसा नाम सजेगा
लंबी लंबी पलकों वाले, तुझ पर कैसा नाम सजेगा

लंबी पलकों वाले ने इस शहर का दिल अपनाया है
हम बैठे यह सोच रहे है, इस पर कैसा नाम सजेगा

दोपहर की गर्मी है और छाँव नीम की ठंडी है
बैठ ही जा इस छाँव में पगले तुझ पर यह आराम सजेगा

ज़ख़्मी हाथो से थाम ही लो ज़ख़्मी हाथो का क्या कहना
कहता है यह हर एक ज़ख़्मी मुझ पर हर एक जाम सजेगा

बिन मांगे मोती मिलते है, मांगे से मिलती भीख नहीं
छीन ले आकर दिल को मेरे, तुझ पर यह इलज़ाम सजेगा

मिटटी का दिल छूने को लोगो ने माथे तोड़े है
तू भी हाथ में तेशा ले ले, तुझ पर यह इलज़ाम सजेगा - मीना कुमारी नाज़
मायने
तेशा = कुल्हाड़ी/पत्थर काटने का औजार



lambi lambi palko wale, tujh par kaisa naam sajega

lambi lambi palko wale, tujh par kaisa naam sajega
lambi lambi palko wale, tujh par kaisa naam sajega

lambi palko wale ne is shahar ka dil apnaya hai
ham baithe soch rahe hai, is par kaisa naam sajega

dophar ki garmi hai aur chaanv neem ki thandi hai
baith hi ja is chaanv me pagle tujh par yah aaram sajega

zakhmi hatho se thaam hi lo zakhmi hatho ka kya kahna
kahta hai yah har ek zakhmi mujh par har ek jaam sajega

bin mange moti milte hai, maange se milti bheekh nahi
cheen le aakar dil ko mere, tujh par yah ilzam sajega

mitti ka dil chhune ko logo ne mathe tode hai
tu bhi hath me tesha le le, tujh par yah ilzam sajega - Meena Kumari Naaz

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