तेरी यादो से जब दहकता है - इक़बाल बशर

तेरी यादो से जब दहकता है

तेरी यादो से जब दहकता है
ज़हन इक फूल सा महकता है

दर्द ऐसे हुंकार भरते है
जैसे पंछी कोई चहकता है

एक बच्चे के जैसा दिल है मेरा
माँ की ममता से ही बहलता है

उसको मिलता है इम्तहां का सिला
सब्र जिसका नहीं छलकता है

रूह के आईने में देख 'बशर'
अक्स मेरा यहाँ झलकता है - इक़बाल बशर


Teri yaado se jab Dahkataa hai

Teri yaado se jab Dahkataa hai
zehan ik phool sa mahkataa hai

dard aise hunkaar bharte hai
jaise panchhi koi chahkta hai

ek bachche ke jaisa dil hai mera
Maa ki mamta se hi bahlata hai

usko milta hai imthaan ka sila
sabr jiska nahi chhalakta hai

ruh ke aaine me dekh 'Bashar'
aks mera yaha jhalkta hai - Iqbal Bashar

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