यकुम जनवरी है नया साल है
यकुम जनवरी है नया साल हैदिसम्बर में पूछूँगा क्या हाल है
बचाए ख़ुदा शर की ज़द से उसे
बेचारा बहुत नेक-आमाल है
बताने लगा रात बूढ़ा फ़क़ीर
ये दुनिया हमेशा से कंगाल है
है दरिया में कच्चा घड़ा सोहनी
किनारे पे गुम-सुम महिवाल है
मैं रहता हूँ हर शाम शिकवा-ब-लब
मिरे पास दीवान-ए-'इक़बाल' है - अमीर कज़लबाश
मायने
यकुम = पहली तारिख, शर = बुराई, ज़द = मार, नेक-आमाल = अच्छा काम, शिकवा-ब-लब = लबो पर शिकायत, दीवान-ए-'इक़बाल' = इकबाल का दीवान
yakum january hai naya saal hai
yakum january hai naya saal haidecember men puchhunga kya haal hai
bacha.e ḳhuda shar ki zad se use
bechara bahut nek-amal hai
batane laga raat budha faqir
ye duniya hamesha se kangal hai
hai dariya men kachcha ghada sohni
kinare pe gum-sum mahival hai
main rahta huun har shaam shikva-ba-lab
mire paas divan-e-'iqbal' hai - Ameer Qazalbash / Amir Qazalbash