वादों से तन्हाइयां मिट जाती - आश्मीन कौर

वादों से तन्हाइयां मिट जाती तो आज हम भी अकेले न होते -आश्मीन कौर

वादों से तन्हाइयां मिट जाती

वादों से तन्हाइयां मिट जाती
तो आज हम भी अकेले न होते

जीने की वजह मिल जाती
तो आज तुम भी हमें न खोते

सिसकिया सुन जाए जिस दिन
तो समझ लेना के अभी जिन्दा है थोड़े से

जो मरने की कगार पर आते
तो अब तक पत्थर बन गए होते - आश्मीन कौर


waadon se tanhaayian mit jaati

waadon se tanhaayian mit jaati,
Toh aaj hum b akele na hote

Jeene ki wjah mil jaati,
Toh aaj tum bhi hume na khote

Siskia sun jaaye jiss din
toh samaj lena k abi zinda hai thode se,

Jo marne ki kgaar par aate
toh ab tak patharr ban gye hote...-Aashmin Kaur
Writer name is Ashmin Kour from Amritsar, Punjab. She is student of B. Tech. And having interest in reading novels, writing and reading poetry.

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