ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है - यगाना चंगेज़ी

ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है

ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है
यही जानता है तो क्या जानता है

इसी में दिल अपना भला जानता है
कि इक नाख़ुदा को ख़ुदा जानता है

वो क्यूँ सर खपाए तिरी जुस्तुजू में
जो अंजाम-ए-फ़िक्र-ए-रसा जानता है

ख़ुदा ऐसे बंदे से क्यूँ फिर न जाए
जो बैठा दुआ माँगना जानता है

वो क्यों फूल तोड़े वो क्यों फूल सूँघे?
जो दिल का दुखाना बुरा जानता है

ज़हे सहव-ए-कातिब कि सारा ज़माना
मुझी को सरापा ख़ता जानता है

अनोखा गुनहगार ये सादा इंसाँ
नविश्ते को अपना किया जानता है

'यगाना' तू ही जाने अपनी हक़ीक़त
तुझे कौन तेरे सिवा जानता है - यगाना चंगेज़ी


Zamana Khuda Ko Khuda Jaanta Hai

zamana khuda ko khuda jaanta hai
yahi jaanta hai to kya jaanta hai

isi mein dil apna bhala jaanta hai
ki ek nakhuda ko khuda jaanta hai

wo kyun sar khapae teri justuju mein
jo anjam-e-fikr-e-rasa jaanta hai

khuda aise bande se kyun phir na jae
jo baitha dua mangna jaanta hai

wo kyon phool tode wo kyon phool sunghe?
jo dil ka dukhana bura janta hai

zahe sahw-e-katib ki sara zamana
mujhi ko sarapa khata jaanta hai

anokha gunahgar ye sada insan
nawishte ko apna kiya jaanta hai

'yagana' tu hi jaane apni haqiqat
tujhe kaun tere siwa jaanta hai - Yagana Chagenji
ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है, ज़माना ख़ुदा को ख़ुदा जानता है

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