मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है_मुजफ्फर वारसी

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है

मेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है
मेरा अक्स है सर-ए-आईना, पस-ए-आईना कोई और है

मेरी धड़कनों में है चाप सी, ये जुदाई भी है मिलाप सी
मुझे क्या पता, मेरे दिल बता, मेरे साथ क्या कोई और है

न गए दिनों को ख़बर मेरी, न शरीक-ए-हाल नज़र तेरी
तेरे देस में, मेरे भेस में, कोई और था कोई और है

वो मेरी तरफ़ निगराँ रहे, मेरा ध्यान जाने कहाँ रहे
मेरी आँख में कई सूरतें, मुझे चाहता कोई और है - मुजफ्फर वारसी


meri jindgi kisi aur ki, mera naam ka koi aur hai

meri jindgi kisi aur ki, mera naam ka koi aur hai
mera aks hai sar-e-aaina, pas-e-aaina koi aur hai

mei dhadkano me hai chaap si, ye judaai bhi hai milap si
mujhe kya pata, mere dil bataa, mere saath kya koi aur hai

n gaye dino ko khabar meri, n sharik-e-haal nazar teri
tere des me, tere bhes me, koi aur tha koi aur hai

wo meri taraf nigran rahe, mera dhyaan jaane kahaa rahe
meri aankh me kai surate, mujhe chahta koi aur hai- Muzffar Warsi

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