जो भी बुरा भला है अल्लाह जानता है
जो भी बुरा भला है अल्लाह जानता है,बंदे के दिल में क्या है अल्लाह जानता है।
ये फर्श-ओ-अर्श क्या है अल्लाह जानता है,
पर्दों में क्या छिपा है अल्लाह जानता है।
जाकर जहाँ से कोई वापस नहीं है आता,
वो कौन सी जगह है अल्लाह जानता है
नेक़ी-बदी को अपने कितना ही तू छिपाए,
अल्लाह को पता है अल्लाह जानता है।
ये धूप-छाँव देखो ये सुबह-शाम देखो
सब क्यों ये हो रहा है अल्लाह जानता है।
क़िस्मत के नाम को तो सब जानते हैं लेकिन
क़िस्मत में क्या लिखा है अल्लाह जानता है।- अख़्तर शीरानी
इसे सुनते है जगजीत सिंह की आवाज़ में
jo bhi bura bhala hai allah janta hai
jo bhi bura bhala hai allah janta haibande ke dil me kya hai allah janta hai
ye farsh-o-arsh kya hai allah janta hai
pardo me kya chhipa hai allah janta hai
jakar jaha se koi wapas nahi hai aata
wo koun si jagah hai allah janta hai
neki-badi ko apne kitna hi tu chipaye
allah ko pata hai allah janta hai
ye dhoop-chhanv dekho, ye subah shaam dekho
sab kyo ye ho raha hai allah janta hai
kismat ke naam ko to sab jante hai lekin
kismat me kya likha hai allah janta hai- Akhtar Shirani