बे नाला-ओ-फ़रियाद-फुगा रह नहीं सकते
बे नाला-ओ-फ़रियाद-फुगा रह नहीं सकतेकहर उस पे ये है इसका सबब कह नहीं सकते
मौजे है तबियत में, मगर उठ नहीं सकती
दरिया है मेरे दिल में, मगर बह नहीं सकते
पतवार शिकस्ता है, नहीं तकते-तरमीम
है नाव में सुराख मगर कह नहीं सकते
कह दोगे कि है तर्जुबा इस बात के बरक्स
क्यों कर ये कहे जुल्मो-सितम सह नहीं सकते
इज्जत कभी वो थी कि भुलाए से न भूले
तहकिर अब ऐसी है जिसे सह नहीं सकते - अकबर इलाहबादी
मायने
नाला-फुगा = बहुत रोना/पीटना, शिकस्ता = टूटी-फूटी, तरमीम = परिवर्तन, बरक्स = उलट, तहकिर = अपमान
be nala-o-fariyad-fuga rah nahi sakte
be nala-o-fariyad-fuga rah nahi saktekahar us pe ye hai iska sabab kah nahi sakte
mouje tabiyat me, magar uth nahi sakti
dariya hai mere dil me, magar bah nahi sakte
patwar shiksta hai, nahi takte-tarmeem
hai naav me surakh magar kah nahi sakte
kah doge ki hai tajurba is ke baat barks
kyo kar ye kahe julm-o-sitam sah nahi sakte
ijjat kabhi wo thi ki bhulaye se n bhule
tahkeer ab aisi hai jise sah nahi sakte - Akbar Allahabadi