जलजला आया वो दिल में वक़्त की रफ़्तार से - नूर बिजनौरी

हम से शिकवा कर रहा था आज दामने-तीही तोड़ लाए माहो-अंजुम, फिक्र के गुलजार से

जलजला आया वो दिल में वक़्त की रफ़्तार से

जलजला आया वो दिल में वक़्त की रफ़्तार से
खुद-ब-खुद तस्वीर तेरी गिर पड़ी दीवार से

चुपके-चुपके खिचता हूँ कांटो का हिसार
मै की अब डरने लगा हूँ फुल की महकार से

हम बला-नोशो ने जहरे-आगही भी पी लिया
चलते-चलते हम भी ठोकर खा गये कोहसार से

हम से शिकवा कर रहा था आज दामने-तीही
तोड़ लाए माहो-अंजुम, फिक्र के गुलजार से

नूर साहिब, खुल न जाए तर्क-ए-उल्फत का भरम
आपकी खामोशियो से, आपके अशआर से - नूर बिजनौरी
मायने
हिसार = घेरा, बला-नोश = बहुत पीने वाला, जहरे-आगही = ज्ञान रूपी विश, कोहसार = पर्वत श्रेणी, शिकवा = शिकायत, दामने-तीही = ख़ाली दामन, माहो-अंजुम = चाँद सितारे, फिक्र = चिंतन, गुलजार = बाग़, तर्के-उल्फत = मुहब्बत छोड़ देना


jaljala aaya wo dil me waqt ki raftaar se

jaljala aaya wo dil me waqt ki raftaar se
khud-b-khud tasweer teri gir padi deewar se

chupke-chupke khinchta hun kaanto ka hisaar
mai ki ab darne laga hun phool ki mahkaar se

ham bala-nosho ne zahre-aagahi bhi pi liya
chalte-chalte ham bhi thokar kha gaye kohsaar se

ham se shikwa kar raha tha aaj dama-e-tihi
tod laye maho-anjum, fikr ke gulzar se

noor sahib, khul n jaye tarq-e-ulfat ka bharam
aapki khamoshiyon se, aapke ashaar se - Noor Bijnauri

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