शाम से रास्ता तकता होगा
शाम से रास्ता तकता होगाचाँद खिड़की में अकेला होगा
धुप की शाख पे तन्हा-तन्हा
वो मोहब्बत का परिंदा होगा
नींद में डूबी महकती साँसे
ख्वाब में फुल सा चेहरा होगा
मुस्कुराता हुआ झिलमिल आसू
तेरी रहमत का फ़रिश्ता होगा - बशीर बद्र
Sham se rasta takta hoga
Sham se rasta takta hogachaand khidki me akela hoga
dhup ki shaakh pe tanha-tanha
wo mohbbat ka parinda hoga
neend me dubi mahkati saanse
khwab me phool sa chehra hoga
muskurata hua jhilmil aansu
teri rahmat ka farishta hoga - Bashir Badr