ये मुमकिन है कि मिल जाए तेरी खोई हुई चीज़े
ये मुमकिन है कि मिल जाए तेरी खोई हुई चीज़ेक़रीने से सजा कर रख ज़रा बिखरी हुई चीजे
कभी यु भी हुआ है, हँसते-हँसते तोड़ दी हमने
हमें मालूम था जुडती नहीं टूटी हुई चीज़ें
ज़माने के लिए जो है बड़ी नायब और महँगी
हमारे दिल से है वो सब की सब उतरी हुई चीज़ें
दिखाती है हमें मजबुरिया ऐसे भी दिन अक्सर
उठानी पड़ती है फिर से हमें फेंकी हुई चीज़ें
जो देखा आज का इन्सान और इंसान का ईमाँ
हमें याद आ गई बाज़ार में बिकती हुई चीज़ें - हस्तीमल हस्ती
ye mumkin hai ki mil jaye teri khoi hui cheeze
ye mumkin hai ki mil jaye teri khoi hui cheezeqarine se saja kar rakh zara bikhri hui cheeze
kabhi yun bhi hua hai, hanste-hanste tod di hamne
hame maloom tha judti nahi tuti hui cheeze
zamane ke liye jo hai badi nayab aur mahangi
hamare dil se hai wo sab ki sab utri hui cheeze
dikhati hai hame majburiyan aise bhi din aksar
uthani padti hai phir se hame feki hui cheeze
jo dekha aaj ka insaan aur imaan ka imaan
hame yaad aa gayi bazar me bikati hui cheeze - Hastimal Hasti
वाह वाह रदीफ़ को भरपूर निभाया है, हर शेर उम्दा है| हस्ती जी की बहुत अच्छी ग़ज़ल है ये |