चाँद तन्हा है, आसमा तन्हा - मीना कुमारी नाज़

चाँद तन्हा है, आसमा तन्हा

चाँद तन्हा है, आसमा तन्हा
दिल मिला है, कहा-कहा तन्हा

बुझ गई आस, छुप गया तारा
थरथराता रहा धुआ तन्हा

जिन्दगी क्या इसी को कहते है
जिस्म तन्हा है और जाँ तन्हा

हमसफ़र कोई गर मिले भी कही
दोनों चलते रहे यहाँ तन्हा

जलती-बुझती-सी रौशनी के परे
सिमटा-सिमटा-सा एक मकाँ तन्हा

राह देखा करेगा सदियों तक
छोड़ जाएँगे यह जहाँ तन्हा - मीना कुमारी "नाज़"


chaand tanha hai aasmaan tanha

chaand tanha hai aasmaan tanha
dil mila hai, kaha kaha tanha

bujh gai aas, chup gya taara
thartharata raha dhua tanha

zindgi kya isi ko kahte hai
zindgi tanha hai aur jaan tanha

hamsafar koi gar mile bhi kahi
dono chalte rhe yaha tanha

jalti bujhti si roshnni ke pare
simta simta sa ek makaan tanha

raah dekha karega sadiyo tak
chhod jayenge yah jahaa tanha - Meena Kumari "Naaz"

Post a Comment

कृपया स्पेम न करे |

Previous Post Next Post